होवत बेटी के बिदा, जावत हे ससुराल।
दाई ओला सीख दँय, राखै ओकर ख्याल।।
जुग जुग के जोड़ी बने, दूनो रैहव साथ।
तोर सबो बर हो मया, नवा चरण प्रभु माथ।।
सबके सुनबे बात ला, रखबे मीठ जुबान।
सही बात ला बोलबे, झन सहिबे अपमान।।
दाई बाबू हा हवय, तोर जियत भर संग।
सबला देबे सीख ला, बन के सबके अंग।।
रखबे मन संतोष ला, देबे सुख दुख साथ।
करम धरम करबे सदा, धनी तोर हे नाथ।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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