जय जय माहामाया दाई। विनती सुनले मोरो माई।
तँय तरिया के पार विराजै। नीम छाँव ला हावव साजै।।
महिमा ला गावय नर नारी। करे गाँव के तँय रखवारी।
आवय सब जन तोर दुवारी। दुख पीड़ा ला हरथस भारी।
दुर्गा काली सब तहि दाई। सब जन बर हव आप सहाई।
सबो पुकारे ज्ञानी ध्यानी। तोर नाव ले माता रानी।
सबके जन के तहि महतारी। दीन दुखी के तोर पुजारी।
जग मा सबसे हावस न्यारी। हे गौरी अम्बे राज दुलारी।
-हेमलाल साहू
ग्राम-गिधवा, पोस्ट-नगधा
तह.-नवागढ़, जिला-बेमेतरा(छ. ग.)
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