किसम किसम के खेल ल खेलन, मिलके जी बाँटी भौरा।
बचपन के सुरता आवत हे, महावीर गौरा चौरा।1।
रेस टीप अउ खोखो ठप्पा, पचरंगा गिल्ली डंडा।
पतरगढ़ी फुगड़ी खेले बर, अपनावन कतको फंडा।2।
देख सबो झन जुरियावन जी, रवि बंटी बल्ला बल्लू।
खेलन खेल ल मिलके संगी, सँग दादू लल्लू कल्लू।3।
रोज चलावन साईकिल ला, सबो गली अउ मोहल्ला।
एक एक रुपया ल सकेलन, पैसा डारे बर
गल्ला।4।
कूद कूद के भैसा धोवन, देवय बाबा हा पैसा।
खेले कूदे बर तरिया मा, बोरन दन कतको भैसा।5।
देख जवाना बदलत हावय, अब सब्बो हा नंदागे।
लइका से लेके सियान मन, मोबाइल मा फंदागे।6।
धरके मोबाइल ला चुपकन, कुरिया मा सब धंधागे।
तइहा के खेल ल नइ पावस, गेम वीडयो के आगे।7।
छोड़ वीडियो टीवी के लत, बने राख मन ला चंगा।
खेल कूद के बढ़िया संगी, नहा कठौती मा गंगा।8।
-हेमलाल साहू
ग्राम -गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील- नवागढ़, जिला- बेमेतरा
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