रुख राई ला काँट झन, मानव जी उपकार।
जेमा जिनगी हा बसे, करव प्रकृति ले प्यार।।
करव प्रकृति ले, प्यार सदा जी, सुख ला पाबे।
पेड़ लगा के, प्रकृति बचाके, फल ला खाबे।।
सोच समझ के, जग ला दूषित, कर रे भाई।
नाश होय जग, काँटे जम्मो, जब रुख राई।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
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