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छत्तीसगढ़ के माटी पूत वीर सपूत जन नायक कवि लक्ष्मण मस्तुरिया जी ला समर्पित आल्हा छंद एकठन रचना.......


माटी के हमर दुलरु बेटा, लिखत रहिस जन मन के पीर।
हमर राज के मस्तुरिया जी, रहिस हवे जन नायक वीर।1।

गीत लिखे ओ सदा मीत के, बाँटय सदा मया के खीर।
आडम्बर के घोर विरोधी, कहिले जेला हमर कबीर।2।

मस्तुरिया के सबो गीत ला, गाँव गाँव अउ शहर बजाँय।
अमर रत्न भारत माता के, सब जन मन ला जौन जगाँय।3।

रहिस स्वाभिमानी सच्चा जे, करतिस देश हितैषी गोठ।
ठेठ ठेठ छत्तीसगढ़ी मा, रचना करतिस ओ हर पोठ।4।

लोक कला ले जुड़के भइया, बगराइस सुघ्घर अंजोर।
गिरे थके मनखे मनके अउ, परे डरे मन के लेवय सोर।5।

नमन आज दिल से उनला हे, हाथ जोड़ के बारम्बार।
मस्तुरिया जी के सपना ला, आवव करबो हम साकार।6।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा

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