नैतिक शिक्षा
नैतिक शिक्षा जग बगरा के, लाव नवा सुराज।
जात पात ला ऊँच नीच के, पाट दव गा आज।।
भैर भाव ला मन के मेटव, करव सबसे प्रेम।
जिनगी के दिन बस चार हवय, फेर नइहे टेम।।
राजनीति
राजनीत बर दंगा ला अब, झन इहाँ भड़काव।।
पद अउ पैसा के ताकत मा, साँच ल झन दबाव।
जाति धर्म के खातिर भैया, फेर झन ग लड़ाव।।
पानी कस खून पसीना ला, आज झन ग बहाव।।
- हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
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