सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

*प्लास्टिक*

प्लास्टिक ले दूषित सबो, खाना कैंसर लाय।
प्लास्टिक हा जब भी जले, प्रदूषण फैलाय।।

बंद प्लास्टिक ला करौ गा, लाव झन उपयोग ला।
हानि कारक बड़ हवे गा, लाय तन मा रोग ला।।
जे सड़े  ना  अउ  गले ना,  पाय सब घर द्वार गा।
खेत  बिगड़े  होय बंजर,  हानि  हे  भरमार  गा।।

सोच गुन के आज ले गा, बंद प्लास्टिक ला करौ
हाट मा कुछु चीज ले बर , बैग कागज के धरौ।।
दूर हो उपयोग प्लास्टिक, जन सबो ला तँय जगा।
गाँव अउ मिलके शहर सब, आँव प्रदूषण भगा।।

प्लास्टिक कचरा दूर कर, गाँव शहर ला साज ले।
बंद होय उपयोग हाँ, प्लास्टिक के गा आज ले।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा

टिप्पणियाँ

Satwant Singh ने कहा…
Aapke Kavita Bahut Hi Sundar He Hemlal Ji
हेमलाल साहू ने कहा…
पसंद करने के लिए सादर धन्यवाद भैया जी

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

संत गुरु घासीदास (हेम के दोहे)

बाबा घासीदास गा, तोर आय हव द्वार। तँय हर दीया ज्ञान के, मोरो मन मा बार।। निचट अज्ञानी मँय हवव, बता ज्ञान के सार। बाबा अड़हा जान हव, जग ले मोला तार।। दुनिया मा हावे भरै, माया के भण्डार। आके मोरो तँय लगा, बाबा बेड़ा पार।। सबो जीव बाबा हवै, जग मा तोर मितान। सत्य बचन बाबा हवै, तोर जगत पहिचान।। मानव मानव एक हे, जगत तोर संदेश। भेद भाव मनके मिटै, आपस के सब क्लेश। सादा जिनगी तोर हे, सादा हवै लिवाज। सत रद्दा जिनगी चलै, रखै सत्य के लाज।। बाबा तँय सतनाम के, सुघ्घर पन्त चलाय। सत के झंडा देख ले, बाबा जग फहराय।। सत के पूजा ला करै, बाबा घासीदास। सत के रद्दा मा चलै, रहिके सत के पास।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट बेमेतरा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)

जुबान (कुंडलिया छंद)

निकले वापस फेर ना, आवय तोर जुबान। जइसे निकले तीर ले, आवय नहीं कमान।। आवय नहीं कमान, बात ला छेड़व गुनके। शारद दे आशीष, शब्द ला रखलव चुनके।। कहे हेम कविराय, बोल तँय गुरतुर मन ले। सब कड़वाहट फेक, फेर ना वापस निकले।। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा

पंथी अउ देवदास बंजारे( हेम के दोहे)

ढोलक तबला थाप मा, बाजय मांदर संग। नाचय साधक साधके, देखव पन्थी रंग।। बाबा घासी दास के, करथे सुघ्घर गान। गावय महिमा देखले, गुरु के करत बखान।। चोला पहिर सफेद गा, नाचय पंथी नाँच। बाँधे घुँघरू गोड़ मा, गोठ करै गा साँच।। सादा हवय लिवाज हा, सादा झण्डा जान। सबला देवत सीख हे, मानव एक समान।। देव दास सिरजन करे, पन्थी नाँच बिधान। बगराइस सब देश मा, करके गुरु के गान। -हेमलाल साहू छन्द साधक सत्र-01 ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ.ग.)