लाठी हा ताकत हवे, पइसा हा अभिमान।
राज करत हे दोगला, बनके जस शैतान।।
लबरा के आदर हवे, उहि हर पूजे जाय।
कलजुग के दुनिया हवे, पापी नाँव कमाय।।
मिलथे पैसा झूठ मा, सच बोले मा मार।
मिले नहीं मनखे सही, ढूंढत रह संसार।।
सीधा रुख काँटे सबे, छोड़ टेड़गा जाय।
देख सीधवा हा कहे, राज दोगला आय।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
टिप्पणियाँ