सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

याद रखें बर हावय

कभू दुबारा नई मिले गा, 

ये दाई ददा जवानी।

इकर मान ला रखले बढ़िया, 

झन बनबे तँय अभिमानी।।


करे नाम ला बदनामी ये,

लालच गुस्सा अउ चोरी।

करँव कभू झन कोनो ककरो,

चारी चुगली मुँहजोरी।।


बइरी जर जमीन के कारन,

होथे भाई ले भाई।

रहव सबो मिलके आपस मा,

होवव झन कभू लड़ाई।।


सबला प्यारा होथे सबले,

बाई धन दौलत दाई।।

सोच समझ के रद्दा चुनहूँ,

कतको हे आगू खाई।।


असली सुख के रोड़ा हावय, 

कोट कचहरी के द्वारी।

जिनगी मा मत हो कोनो ला,

तन मन के कुछु बीमारी।।


चुरा नई ले जावय कोनो,

अक्कल कला सदाचारी।

बने तोर दुख के कारन ये,

जलन आलसी लाचारी।।


याद रखें बर हावय सबला,

जनम मरन के सच्चाई।

तोर मान ला सदा बढ़ाही,

धरम करम अउ अच्छाई।।

-हेमलाल साहू

ग्राम-गिधवा, जिला-बेमेतरा


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

संत गुरु घासीदास (हेम के दोहे)

बाबा घासीदास गा, तोर आय हव द्वार। तँय हर दीया ज्ञान के, मोरो मन मा बार।। निचट अज्ञानी मँय हवव, बता ज्ञान के सार। बाबा अड़हा जान हव, जग ले मोला तार।। दुनिया मा हावे भरै, माया के भण्डार। आके मोरो तँय लगा, बाबा बेड़ा पार।। सबो जीव बाबा हवै, जग मा तोर मितान। सत्य बचन बाबा हवै, तोर जगत पहिचान।। मानव मानव एक हे, जगत तोर संदेश। भेद भाव मनके मिटै, आपस के सब क्लेश। सादा जिनगी तोर हे, सादा हवै लिवाज। सत रद्दा जिनगी चलै, रखै सत्य के लाज।। बाबा तँय सतनाम के, सुघ्घर पन्त चलाय। सत के झंडा देख ले, बाबा जग फहराय।। सत के पूजा ला करै, बाबा घासीदास। सत के रद्दा मा चलै, रहिके सत के पास।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट बेमेतरा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)

जुबान (कुंडलिया छंद)

निकले वापस फेर ना, आवय तोर जुबान। जइसे निकले तीर ले, आवय नहीं कमान।। आवय नहीं कमान, बात ला छेड़व गुनके। शारद दे आशीष, शब्द ला रखलव चुनके।। कहे हेम कविराय, बोल तँय गुरतुर मन ले। सब कड़वाहट फेक, फेर ना वापस निकले।। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा

पंथी अउ देवदास बंजारे( हेम के दोहे)

ढोलक तबला थाप मा, बाजय मांदर संग। नाचय साधक साधके, देखव पन्थी रंग।। बाबा घासी दास के, करथे सुघ्घर गान। गावय महिमा देखले, गुरु के करत बखान।। चोला पहिर सफेद गा, नाचय पंथी नाँच। बाँधे घुँघरू गोड़ मा, गोठ करै गा साँच।। सादा हवय लिवाज हा, सादा झण्डा जान। सबला देवत सीख हे, मानव एक समान।। देव दास सिरजन करे, पन्थी नाँच बिधान। बगराइस सब देश मा, करके गुरु के गान। -हेमलाल साहू छन्द साधक सत्र-01 ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ.ग.)