आगे हावय फागुन महिना, रंग उड़त हे लाल।
मया प्रीत के रंग रंगथे, सबो लगावत गाल।।
ढोल नगाड़ा हवै बजावत, फागुन के हे राग।
खेलत कूदत नाचत सुघ्घर, गावत हावे फाग।।
चढ़ै नशा फागुन के हावय, लाय बसंत बहार।
झुमर झुमर के मैना नाचे, आमा मउरे डार।।
लाल लाल परसा हा फूले, फागुन मा छतराय।
पींयर पींयर सरसों फूले, भँवरा मन मँडराय।।
मया मया ला खोजत हावे, धरे मया के रंग।
खेले बर होली फागुन के, मन मा भरे उमंग।।
गाँव गाँव मा रौनक लायव, फागुन रंग उड़ाय।
आगे हावय फागुन महिना, मिलके सबो मनाय।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो 997783173
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