सजथे सुघ्घर गाँव मा, देखव हाट बाजार।
आनी बानी साग हे, लेवव छाँट निमार।।
लेवव छाँट निमार, रहय झन एको कड़हा।
ताजा ताजा ताय, तराजू मा ले मड़हा।।
कहत हेम कविराय, हाट गाँवे मा लगथे।
घूमत बढ़िया देख, हाट तो सुघ्घर सजथे।।
बगरे जग मा देख ले, कतका गा अँधियार।
बढ़िया सोच बिचार के, दियना मनके बार।।
दियना मन के बार , जगत मा लाव अँजोरी।
दुआ भेद ला छोड़, रहन एक्के बँध डोरी।।
हवय मेहनत सार, भाग हा जगही हमरे।
आवय नवा अँजोर, देख ले जग मा बगरे।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा,
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा,
छत्तीसगढ़। मो. 9977831273
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