करिया करिया बादर देखत, हाँसत हे जिनगानी।
सबके मन मे आस जगत हे, आही बरखा रानी।1।
रुमझुम रुमझुम पानी बरसे, खड़े किसान दुवारी।
सावन भादो महिना आगय, रात लगे अँधियारी।।2।
लुका छुपी के खेल ल खेलय, चाँद सुरुज बड़ भारी।
छावय जग मा घुमड़ घुमड़ के, बदरी कारी कारी।3।
धरके गावय राग मेचका, करय तमासा मछरी।
झूमर झूमर डोरी नाचय, पिटय केकड़ा डफरी।4।
झीगुर सोर मचावत हावय, खेलय घोघी घाँदी।
चारो कोती स्वागत करथे, झूम झूम के काँदी।5।
टपटप टपटप पानी गिरथे, चुहथे खपरा छाँही।
नदिया नरवा सब भर जाही, सुघ्घर जिनगी आही।6।
पहिरे धरती हरियर लुगरा, लाय नवा खुशियाली।
चिरई चुरगुन खेती घूमय, देखय बड़ हरियाली।7।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग)
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