ऐदे गरमी के दिन आगय। सबो डहर ये घाम जनावय।
झांझ म तन हर लेसावय। देख पसीना हर चुचवावय।
रूख राई के छाँव सिरागय। भुइँया मा दर्रा हा फाटय।
पानी बिन जीव सबो रोवय। काम बिना पानी नइ होवय।
नदिया नरवा सबो सुखागय। देख घाम ला जी थर्रागय।
घाम नहीं कउनो ला भावय। भुइँया देख जरत बड़ हावय।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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