गोरी तोर मया के सुरता, रही रही के आथे ओ।
तोला देखे बर आँखी हाँ, ये मोर तरत जाथे ओ।1।
तोर बिना जग सुन्ना लागे, कुछु मोला नइ भावे ओ।
रात मोर बर बइरी होगय, नींद कहाँ ले आवे ओ।2।
काबर हवस रिसाये गोरी, काबर तँय गुस्साये ओ।
मोला रोज हँसाके तँय हर, काबर अब रोवाये ओ।3।
काम बुता मा मन नइ लागे, खावत हव मँय गारी ओ।
तोर बिना हे मोर अधूरा, सुनले जिनगी सारी ओ।4।
बात मान ले मोर आज तँय, सँग जीबो सँग मरबो ओ।
सुघ्घर जिनगी हमन बिताबो, एक संग जब रहिबो ओ।5।
-हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील- नवागढ़, जिला- बेमेतरा
छत्तीसगढ़ मो. 9977831273
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