1. गुरु
आवत जावत सोवत मैं गुरु के गुन रात अऊ दिन गावव।
जेकर जी सुनके महिमा अबतो बड़ मैं हर तो इतरावव।
पावव ताकत मैं गुरु के अबतो हर संकट मैं ह पुकारव।
मार इहाँ गुरु के मन मंतर मैं सबके मनके भूत भगावव।।
2. *साक्षरता*
साक्षर भारत देश बने हमरो बनही अब मानत हावय।
रोशन होवय देश बने अब साक्षरता अपनावत हावय।
ज्ञान बने सबला मिलही हमरो अब देश ह जागत हावय।
देख सबो मनखे पढ़के बढ़िया अब ज्ञान ल पावत हावय।
3. *सुरता *
आवत हावय रात अऊ दिन जी सुरता कइसे रह पावव।
रोवत रहिथे मनहा दुखला अपने कइसे ग सुनावव।
हावव मैं दुरिहा अपने घर ले कइसे ग समे ल बितावव।
आँख भरे मन भींजत मोर रहे कइसे दिन ला ग गुँजारव।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा पोस्ट नगधा
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