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हेम के दोहे

ग्रहण धरलिस देश ला, जाने कौन बचाय।
कोरोना के रोग हा, रोजे बाढ़त जाय।1।

गाँव शहर मा देख ले, सबो हवय घबराय।
कोरोना के डर घलो, भीतर भीतर खाय।2।

ताकत भारत देश के, कोरोना ल बताव।
गाँव शहर सब एक हो, एला गा चेताव।3।

राज छोड़ तँय देश ले, सुन कोरोना बात।
हमरो सप्पर मा परै, ता खाबे तँय लात।4।

वास् वाइरस के घलो, तोड़व घर ला खोज।
हमर देश मा झन बसे, बन्दी कर दव रोज।5।

वादा करलव देश बर, मिलके रहिबो एक।
कोरोना हा देख के, घुटना देवय टेक।6।

तहुँ जाबे जग छोड़ के, ज्यादा झन इतराव।
यमपुर ले तो एकदिन, आही तोर बुलाव।7।

घर मा घुसरे बर सबो, होंगे हे मजबूर।
कोरोनो के रोग ले, होंगय अपने दूर।8।

रहव लॉक डाउन सबो, घर मा गा कुछ टेम।
घर ले बाहर जॉव झन, रख जिनगी से प्रेम।9।

सबो अपन घर मा रहौ, बाहर झन गा जाव।
घर मा रहिके आँव सब, कोरोना ल हराव।10।

रोग भगा अब देश ले, जम्मो रहय निरोग।
कोरोना हा भागही, घर घर अपना योग।11।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा

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संत गुरु घासीदास (हेम के दोहे)

बाबा घासीदास गा, तोर आय हव द्वार। तँय हर दीया ज्ञान के, मोरो मन मा बार।। निचट अज्ञानी मँय हवव, बता ज्ञान के सार। बाबा अड़हा जान हव, जग ले मोला तार।। दुनिया मा हावे भरै, माया के भण्डार। आके मोरो तँय लगा, बाबा बेड़ा पार।। सबो जीव बाबा हवै, जग मा तोर मितान। सत्य बचन बाबा हवै, तोर जगत पहिचान।। मानव मानव एक हे, जगत तोर संदेश। भेद भाव मनके मिटै, आपस के सब क्लेश। सादा जिनगी तोर हे, सादा हवै लिवाज। सत रद्दा जिनगी चलै, रखै सत्य के लाज।। बाबा तँय सतनाम के, सुघ्घर पन्त चलाय। सत के झंडा देख ले, बाबा जग फहराय।। सत के पूजा ला करै, बाबा घासीदास। सत के रद्दा मा चलै, रहिके सत के पास।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट बेमेतरा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)

जुबान (कुंडलिया छंद)

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पंथी अउ देवदास बंजारे( हेम के दोहे)

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