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जनवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हेम के दोहे

1) खुल्ला हरव किताब मँय, पढ़के लेबे देख। हेम मोर नावे हवे, लिखथव कविता लेख।। 2) नगधा मोरे पोस्ट हे, गिधवा हावय गाँव। जिला हवय बेमेतरा, जिहाँ मया के छाँव।। 3) महमाया दाई रखे, किरपा अप...

*सुखी सवैया*

सुमता रखले घर मा बढ़िया, परिवार सुखी रइही जिनगी भर। मिलके रहिबे सबके सुनबे, तबतो चलही भइया जिनगी हर। रख एक बरोबर गा सबला, इहि मान कमालव जी जिनगी बर । तँय राख दुलार बने सबला, सुन ...