शहर म गाव के याद आवे।
अपन घर जाए बर मन भागे।।
घर मया मा आँसु बोहागे।
दाइ—ददा के सुरता आवे।।
घर के मया सुरता आवे।
शहर मा गाव के याद आवे।।
जम्मो झन के मया सतावे।
संगी मन के सुरता आवे।।
सबो संगी मिलजुल रहन।
हँसी ठिठोली अउ मया करन।।
संगे रहन अउ संगे घुमन।
झगरा अउ मस्ती तको करन।।
गाव मा मोर बचपन बीते।
गाव के मया बड़ निक लागे।।
रूख राइ बड़ सुघ्घर हावे।
चिरइ मन के बोली सुहावे।।
माटी के मया हा सतावे।
खेती म जिहा जिनगी हावे।।
अइसन गाव ह सुरता आवे।
माटी म जाय बर मन भागे।।
अपन घर जाए बर मन भागे।।
घर मया मा आँसु बोहागे।
दाइ—ददा के सुरता आवे।।
घर के मया सुरता आवे।
शहर मा गाव के याद आवे।।
जम्मो झन के मया सतावे।
संगी मन के सुरता आवे।।
सबो संगी मिलजुल रहन।
हँसी ठिठोली अउ मया करन।।
संगे रहन अउ संगे घुमन।
झगरा अउ मस्ती तको करन।।
गाव मा मोर बचपन बीते।
गाव के मया बड़ निक लागे।।
रूख राइ बड़ सुघ्घर हावे।
चिरइ मन के बोली सुहावे।।
माटी के मया हा सतावे।
खेती म जिहा जिनगी हावे।।
अइसन गाव ह सुरता आवे।
माटी म जाय बर मन भागे।।
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जय माटी जय छत्तीसगढ़ ########################## |
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