आधुनिक युग के ये जवाना।
तै ककरो बर झन पछताना।।
दुनिया गोल कुछ नई बोले।
कान सुन, आँखी देख रेगे।।
आधुनिक युग जवाना आगे।
सुखी जिन्दगी होगे हावे।।
काम बुता म मन नई लागे।
तन हा अलाल होगे हावे।।
लइका से लकर सियानमन।
चपरासी लेकर, नेता मन।।
झुण्ठ बोलय पैसा कमावे।
भ्रष्टाचार धंधा हावे।।
यहाँ लबरा के वाह वाहे।
मिठ बात मा जनता लुटाये।।
सेठ बनिहार,बनिया ग्राहक।
डॉ. मरिज ल, नेता जनता ला।।
सबो डहर लूट खोर हावे।
बाते मा सबो चोर हावे।।
सबो भ्रष्टाचार मा डूबे।
पैसा खातिर इमान बेचे।।
10 रूपया बुता करवाये।
200 रूपया बिल बनवाये।।
अपन ईमानदार के सबुत।
तै झुण्ठा रसीद दिखाये।।
लबरा ह मालामल हावे।
ईमानदा कगला हावे।।
अइसन दुनिया आगे हावे।
दोगला राज होगे हावे।।
तै ककरो बर झन पछताना।।
दुनिया गोल कुछ नई बोले।
कान सुन, आँखी देख रेगे।।
आधुनिक युग जवाना आगे।
सुखी जिन्दगी होगे हावे।।
काम बुता म मन नई लागे।
तन हा अलाल होगे हावे।।
लइका से लकर सियानमन।
चपरासी लेकर, नेता मन।।
झुण्ठ बोलय पैसा कमावे।
भ्रष्टाचार धंधा हावे।।
यहाँ लबरा के वाह वाहे।
मिठ बात मा जनता लुटाये।।
सेठ बनिहार,बनिया ग्राहक।
डॉ. मरिज ल, नेता जनता ला।।
सबो डहर लूट खोर हावे।
बाते मा सबो चोर हावे।।
सबो भ्रष्टाचार मा डूबे।
पैसा खातिर इमान बेचे।।
10 रूपया बुता करवाये।
200 रूपया बिल बनवाये।।
अपन ईमानदार के सबुत।
तै झुण्ठा रसीद दिखाये।।
लबरा ह मालामल हावे।
ईमानदा कगला हावे।।
अइसन दुनिया आगे हावे।
दोगला राज होगे हावे।।
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