देख दिन ह बारिश के आगे।
सबो डहर हयिाली छागे।।
घाम के दिन बादर सिरागे।
भुईया के तन हा जुड़ागे।।
जम्मो किसान बुता म भीड़े।
खेत मा काटा खुटी बिनागे।।
जम्मो डहर चिखलाह माते।
गाव मा खपरा ओइरागे।।
मेचका टर टर नरियावत।
इसारा मा पानी बुलावत।।
धर के नागर बइला जाये।
खेत खार म धान बोवागे।।
चमक चमक के बिजली चमकय।
कड़क कड़क के बादर गरजय।।
रिमझिम रिमझिम पानी बरसय।
छानहि टप टप पानी टपकय।।
गाव गली म धार बोहागे।
तरिया,नदीया, सब भरागे।।
खेत खार सब लबलबागे।
देख दिन ह बारिश के आगे
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सबो डहर हयिाली छागे।।
घाम के दिन बादर सिरागे।
भुईया के तन हा जुड़ागे।।
जम्मो किसान बुता म भीड़े।
खेत मा काटा खुटी बिनागे।।
जम्मो डहर चिखलाह माते।
गाव मा खपरा ओइरागे।।
मेचका टर टर नरियावत।
इसारा मा पानी बुलावत।।
धर के नागर बइला जाये।
खेत खार म धान बोवागे।।
चमक चमक के बिजली चमकय।
कड़क कड़क के बादर गरजय।।
रिमझिम रिमझिम पानी बरसय।
छानहि टप टप पानी टपकय।।
गाव गली म धार बोहागे।
तरिया,नदीया, सब भरागे।।
खेत खार सब लबलबागे।
देख दिन ह बारिश के आगे
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रचना दिनांग 12.06.2015 |
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